रविवार, 6 जून 2010

खोटा सिक्का

खोटा सिक्का
हम खोटे ही सही,सिक्के तो हैं
नहीं चलेंगे कोई बात नहीं
कम से कम तौलने के काम तो आयेंगे.
आपकी जेब मे बजते रहेंगे
कुछ होने का अहसास तो दिलाएंगे.
हमें खोने का भी तुम्हे गम न होगा
हमें फैंकना मारने के काम तो आयेंगे.
हम खोटे सिक्के हैं
खोटे ही सही
वक़्त पर अपने होने का अहसास दिलाएंगे.
डॉ अ कीर्तिवर्धन
09911323732

वो मेरे हैं

वो मेरे हैं
खुली आँखों से देखे हैं
तुने जो सपने
वो मेरे हैं.
उठ रहे तूफ़ान
जो दिले समंदर मे तेरे
वो मेरे हैं.
जरुरी तो नहीं
हर राह से तुम्ही गुजरों
कोई और गुजरा है उसी राह
तेरी चाह मे
देखें हैं कदमों के निशाँ
जो दिले राहों मे
वो मेरे हैं.
डॉ अ कीर्तिवर्धन
09911323732

शनिवार, 5 जून 2010

शब्दों मे

मैंने शब्दों में

भगवान को देखा

शैतान को देखा

आदमी तोबहुत देखे

पर

इंसान कोई कोई देखा।

इन्ही सब्दों में

मैंने प्यार को देखा

कदम कदम पर अंहकार भी देखा

धर्मात्मा तो बहुत देखे

पर

मानवता की खातिर

मददगार कोई कोई देखा।

इन्ही सब्दों में

मैंने चाह देखी

भगवान् पाने की

बुलंदियों पर जाने की

गिरते हुए भी मैंने बहुत देखे

पर गिरते को उठाने वाला

कोई कोई देखा।

इन्ही शब्दों में

भ्रष्टाचार को महिमा मंडित करते देखा

नारी की नग्नता को प्रदर्शित करते देखा

पर निर्लाजता पर चोट करते

कोई कोई देखा।

इन्हीशब्दों में

कामना करता हूँ इश्वर से

मुझे शक्ति दे

लेखनी मेरी चलती रहे

पर पीडा में लिखती रहे

पाप का भागी में banu

यश का भागी इश्वर रहे.
dr a kirtivardhan